माँ बनने का सपना हर किसे का होता है लेकिन जो महिला प्राकर्तिक रूप से माँ बनने में असक्षम होती है. वह IVF के द्वारा अपना यह सपना पूर्ण कर सकती है आई वी एफ प्रक्रिया में पुरुष के शुक्राणु को महिला के अंडे के साथ लैब में Fertilize करवाया जाता है यह इलाज थोड़ा सा महंगा है इसलिए एक IVF मरीज के लिए भ्रूण प्रत्यारोपण के पश्चात के दो सप्ताह भावनात्मक एवं आर्थिक दृष्टिकोण से बेहद कठिन भरे होते है। क्योंकि इस इलाज के दौरान वह अपने जीवन का बहुमूल्य समय एवं अथक प्रयास तथा साथ ही साथ अपनी पूंजी का एक बड़ा हिस्सा इलाज में लगा चुका होता है। जब कोई दंपत्ति आईवीएफ इलाज के लिए आते हैं तो वह सदैव यह जानना चाहते हैं कि वह प्रत्यारोपण के पश्चात ऐसी क्या सावधानियां बरती जाए जिससे कि IVF में सफलता की संभावना बढ़ जाए हालांकि इस प्रश्न का समुचित उत्तर नहीं दिया जा सकता है परंतु फर्टिलिटी विशेषज्ञ द्वारा नीचे दिये गए कुछ विशेष सलाह बताई जा रही है इसका पालन करना एक IVF मरीज के लिए अत्यंत आवश्यक है जिससे कि आगे उसे सकारात्मक परिणाम मिल सके।
1.दैनिक क्रियाएं :-
भ्रूण प्रत्यारोपण प्रक्रिया के बाद सामान्यता पूर्ण आराम का सुझाव नहीं दिया जाता है इस विषय पर कई सारे शोध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किए जा चुके हैं और सब का एक ही निष्कर्ष है कि Bed Rest के कारण टेस्ट ट्यूब बेबी में सफलता का चांस बढ़ने की बजाय कम हो जाता है। महिलाये घर का साधारण काम कर सकती है, नौकरी पर भी जा सकती है। केवल कुछ विशेष परिस्थितियों में आराम की सलाह दी जाती है जैसे रक्त स्त्राव या बच्चेदानी के मुंह का छोटा होना, Low-lying placenta and Bleeding.
2.नियमित रूप से अपनी दवाइयां लेना :-
भ्रूण प्रत्यारोपण के बाद डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाइयां निर्धारित समय एवं उचित मात्रा में ही ले। यह दवाइयां काफी लाभदायक दवाइयां होती हैं जो गर्भाशय को भ्रूण के लिए Receptive बनाती है अगर दवाइयों में चूक हो तो रक्त स्त्राव भी हो सकता है। इसलिए भ्रूण प्रत्यारोपण के पश्चात मरीज को अपनी एक समय सारणी बनाकर दवाइयों का सेवन करना चाहिए जिससे कि कोई भूल चूक ना हो।
3.खानपान :-
IVF प्रक्रिया में भ्रूण प्रत्यारोपण एक महत्वपूर्ण पड़ाव है जबकि जब भ्रूण प्रत्यारोपण किया जाता है तब महिला के शरीर में एस्ट्रोजन एंड प्रोजेस्टेरोन की मात्रा अधिक होती है। प्रोजेस्टेरोन हार्मोन प्रेगनेंसी को सपोर्ट करने वाला हार्मोन है लेकिन इसके कुछ साइड इफेक्ट होते है जिसमें प्रमुख पाचन तंत्र का धीमा होना। इससे मरीजों को खाने के पाचन संबंधी शिकायतें रहती है इसलिए खानपान में एहतियात बरतने की जरूरत होती है भोजन को दो बार ना करके तीन या चार बार मैं थोड़ा-थोड़ा खाना चाहिए भोजन में चिकनी या तली हुई वस्तुएं नहीं होनी चाहिए अथवा इससे कब्ज की शिकायत हो सकती है।
बाहर का खाना और फास्ट फूड इत्यादि से बचना चाहिए इससे संक्रमण की संभावना होती है घर का बना हुआ पोषक भोजन ही लेना चाहिए जैसे दाल सब्जियां अंडे जूस फलों का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए। पपीता और पाइनएप्पल खाने से प्रेगनेंसी पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है पानी अधिक मात्रा में पीना चाहिए प्रोटीन की मात्रा खाने से अधिक रखनी चाहिए जैसे दाल, अंडे, पनीर, साबूदाना, आदि।
4.धूम्रपान एवं मदिरा सेवन से बचें :-
आई वी एफ प्रक्रिया के बाद कई महत्वपूर्ण सावधानियों में से एक धूम्रपान को बंद करना है। धूम्रपान के ज़रिए आपके शरीर में विषाक्त पदार्थ जाते हैं, जो गर्भावस्था को प्रभावित कर सकते हैं। यह धुआ गर्भाशय की भीतरी सतह को नुकसान पहुंचा सकता है जिससे गर्भपात होने का खतरा हो सकता है एवं Abnormal बच्चे का भी खतरा होता है। बचाव के लिए धुम्रपान को छोड़ दें।
5.संक्रमण से बचें :-
भ्रूण प्रत्यारोपण के बाद किसी भी तरह के Infection से बचने के प्रयास करें यदि किसी को Viral infection खांसी और सर्दी हो रहा है तो ऐसे मरीज के संपर्क में ना रहे ज्यादा भीड़ वाली जगह पर जाने से भी बच्चे। भ्रूण प्रत्यारोपण के दौरान हम मरीज को Urine hold करके भ्रूण प्रत्यारोपण करते है प्रत्यारोपण के बाद यदि यूरिन से संबंधित कोई भी लक्षण हो जैसे यूरिन में जलन हो या पेट में दर्द हो तो तुरंत यूरिन इंफेक्शन के लिए टेस्ट कराये। और अगर जरूरी हो तो एंटीबायोटिक ले क्योंकि यदि यूरिन इंफेक्शन होता है तो उससे भी प्रेगनेंसी आने की प्रक्रिया मैं बाधा हो सकती हैं।
6. हल्के व्यायाम करना चाहिए :-
आई वी एफ की प्रक्रिया के बाद महिलाओं को कोई भी ज्यादा मेहनत वाली एक्सरसाइज व एरोबिक्स नहीं करना चाहिए। इस समय जॉगिंग या कड़ी मेहनत वाली एक्सरसाइज की जगह हल्के व्यायाम जैसे टहलना या योग करना अच्छा रहता है। इसके अलावा महिलाएं ध्यान लगा (मेडिटेशन) सकती हैं।
7. अत्याधिक ताप से बचें :-
हॉट बाथ, हॉट योगा, हिटिंग पैड्स किसी भी तरह की गरम वस्तुए जिससे कि गर्भाशय का तापमान बढ़ने की संभावना हो उससे बचें अन्यथा गर्भपात का कारण बन सकता है।
8. संभोग से बचे :-
भ्रूण प्रत्यारोपण के बाद पति-पत्नी को संभोग से बचाव अर्थात् एक-दूसरे से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। संभोग के कारण महिलाओं में वैजाइनल इंफेक्षन फैलने का अधिकतम खतरा रहता है जिससे इस प्रक्रिया के सफल होने की संभावना बहुत कम हो जाती है।
9.अच्छे की आशा रखें पर बुरे को तैयार रहें :-
ऊपर बताई गई सलाह को देखने के पश्चात आपको यह एहसास होगा कि हमें अच्छे परिणाम पाने के लिए कुछ ज्यादा नहीं करना है हालांकि यह छोटी-छोटी सलाहें यह सुनिश्चित नहीं करेगी कि आपको सफलता मिलती है कि नहीं परंतु यह भ्रूण प्रत्यारोपण के पश्चात के दो सप्ताह के दौरान आपके व्यवहार में सकारात्मकता का संचार अवश्य करेगा इसकी सफलता पूर्ण रूप से भ्रूण तथा गर्भाशय के मध्य पारस्परिक क्रिया पर निर्भर करता है परिणाम Positive मिलने पर तुरंत अपने डॉक्टर से मिले तथा गर्भाधान के पश्चात के इलाज की सलाह लें। सफलता न मिलने की दशा में खुद पर अपने साथी या अन्य किसी पर भी दोषारोपण ना करें तथा संतान प्राप्ति का प्रयास जारी रखें।
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