कपल जब फैमिली प्लानिंग करके कंसीव करने की कोशिश करते हैं तो उनके मन में कंसीव हुआ या नहीं ये सवाल रहता है । आमतौर पर प्रेगनेंसी होने के 6 से 14 दिन में शुरुआती लक्षण महसूस होने लगते हैं, कई महिलाओं को एक महीने की प्रेगनेंसी होने के बावजूद कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। गर्भधारण के बारे में जानने के लिए यूरिन प्रेगनेंसी टेस्ट किट का उपयोग किया जा सकता है लेकिन बीटा एचसीजी टेस्ट से सही और सटिक परिणाम मिलते हैं ।
आमतौर पर महिलाओं में प्रेगनेंसी होने पर निम्न 10 लक्षण दिखाई देते हैं ।
महिला का पीरियड नहीं आना प्रेगनेंसी का एक आम लक्षण है लेकिन इसके अन्य कारण भी हो सकते हैं । मासिक धर्म नहीं आने या दूसरे लक्षण नहीं दिखाई देने की स्थिति में प्रेगनेंसी टेस्ट करवाना चाहिए ।
गर्भावस्था के शुरुआती लक्षणों में मूड में बदलाव, मतली और उल्टी का अनुभव होना भी शामिल हैं। प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन के स्तर में वृद्धि के कारण सुबह उठते ही उल्टी सी लग सकती है।
स्तनों में दर्द होना, भारी होना या निप्पल के चारों तरफ का रंग अधिक गहरा होना प्रेगनेंसी के लक्षण हैं। गर्भाधान के बाद एस्ट्रोजेन का स्तर बढ़ने के साथ, महिलाएं स्तनों में तेज दर्द महसूस करती हैं।
माहवारी नहीं आने के बाद पेट में सूजन या मरोड़ और खिंचाव प्रेगनेंसी के लक्षण हैं यह प्रोजेस्टेरोन के बढ़ने का परिणाम हो सकता है। हॉर्मोन का स्तर बढ़ने से पाचन में बाधा आती है साथ ही प्रोजेस्टेरोन के कारण आंतो में कसाव से शौच में समस्या हो सकती है लेकिन घबराएं नहीं यह सामान्य है।
प्रत्यारोपण के बाद शरीर और प्रतिरक्षा प्रणाली खुद को प्रेगनेंसी के लिए तैयार करती है इसलिए तापमान बढ़ता है। सामान्यतया ओव्युलेशन के समय थोड़ा तापमान बढ़ता है लेकिन ओव्युलेशन के बाद 20 दिनों से अधिक समय तक ऐसा होना प्रेगनेंसी के लक्षण हो सकते हैं।
माहवारी के लगभग एक सप्ताह पहले से प्रत्यारोपण रक्तस्राव और ऐंठन के संकेत नजर आने लगते हैं, यह कुछ घंटों या दिनों के लिए भी हो सकते है ये प्रेगनेंसी के लक्षण हो सकते हैं। फर्टिलाइज अंडा गर्भाशय की दीवार से जुड़ता है जिसे प्रत्यारोपण कहते हैं । यह रक्तस्त्राव स्पाॅट के रूप में या हल्का हो सकता है अधिक होने पर मासिक धर्म या गर्भपात भी हो सकता है।
गर्भावस्था की पहली तिमाही में हॉर्मोन में परिवर्तन के कारण थकान और नींद आना प्राथमिक लक्षणों में से एक हैं। कई महिलाओं को गर्भावस्था के पहले महीने में इस लक्षण की समस्या अधिक रहती है।
गर्भावस्था में महिला को अधिक प्रभावित करने वाला लक्षण है बार-बार मूड बदलना। गर्भावस्था में हॉर्मोनल बदलाव के कारण अचानक प्रसन्नता या उदासीनता हो सकती है । चक्कर आना या सिर चकराना प्रेगनेंसी का एक और शुरूआती लक्षण है जिसका अनुभव कई गर्भवती महिलाओं को होता है। गर्भावस्था में इन लक्षणों से असहज होने की आवश्यकता नहीं है।
गर्भावस्था के लक्षणों के कारण महिला खाद्य पदार्थों को लेकर संवेदनशील हो जाती है। चटपटा या मनपसंद खाने का मन हो सकता है । कुछ महिलाओं को भूख नहीं लगना, पेट भरा-भरा लगना या गंध आने की समस्या होना गर्भावस्था के लक्षण हो सकते हैं।
बार-बार पेशाब आना प्रेगनेंसी का एक मुख्य लक्षण है। गर्भावस्था बढ़ने के साथ गर्भाशय, मूत्राशय पर दबाव डालना शुरू करता है जिससे पूरी प्रेगनेंसी के दौरान यह समस्या हो सकती है।
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