Skip to main content

Synopsis

जानिए पीसीओएस क्या है और पीसीओ इलाज संभव है या नहीं । Indira IVF के साथ पाईये जानकारी पीसीओएस होने के संभावित कारण और लक्षण और बुक करिये अपना अपॉइंटमेंट।

 

संतान पैदा करने वाली उम्र की लगभग 5 से 10 प्रतिशत महिलाएं पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) से प्रभावित होती हैं, लेकिन मामलों में इसका प्रतिशत अधिक हो सकता है । यह एक महिला के शरीर में पुरुष हार्मोन की अधिकता के कारण होता है। पीसीओएस में महिलाओं के अंडाशय (Ovary) पर सिस्ट बन जाती है।

पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) क्या है?

  • इन्दिरा आई वी एफ जयपुर की आई वी एफ स्पेशलिस्ट डॉ. उर्मिला शर्मा का कहना है पीसीओएस, हार्मोनल असंतुलन (Hormonal imbalance) के कारण होता है। इसका प्रजनन प्रणाली पर प्रभाव पड़ता है और यह हृदय के साथ-साथ शरीर की रक्त शर्करा की क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है। यह गर्भधारण की कोशिश कर रही महिलाओं में कठिनाइयों का कारण बन सकता है और इसे नि:संतानता के सामान्य कारणों में से एक माना जाता है।

यह स्थिति पीरियड्स देरी से आने और कुछ शारीरिक परिवर्तनों के कारण बनती है। पीसीओएस में, सेक्स हार्मोन गड़बड़ा सकते हैं, जिससे चेहरे और शरीर के अतिरिक्त बाल निकल सकते हैं या शरीर में इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ सकता है। हालांकि पीसीओएस नाम से लगता है कि इस स्थिति वाली महिलाओं के कई सिस्ट होंगी लेकिन यह जरूरी नहीं है कि हर किसी में पीसीओएस का मतलब सिस्ट हो। इसी तरह, सिस्ट वाली प्रत्येक महिला का पीसीओएस नहीं कहा जा सकता। वास्तव में, ये सिस्ट (Cyst) आंशिक रूप से अंडों के साथ रोम [फॉलिकल] बनाती है।

यह गर्भावस्था को कैसे प्रभावित करता है?

-पीसीओएस होने के बावजूद गर्भधारण करने वाली महिलाओं की गर्भावस्था के दौरान सावधानीपूर्वक निगरानी की जानी चाहिए। क्योंकि ऐसी महिलाओं में गर्भपात (Miscarriage) होने की संभावना तीन गुना अधिक होती है। मधुमेह और समय से पहले प्रसव कुछ पीसीओएस के दुष्प्रभाव हैं जो गर्भावस्था के दौरान उत्पन्न हो सकते हैं। डॉक्टर की ओर से गर्भपात की संभावना को कम करने के लिए गर्भावस्था के दौरान मेटफॉर्मिन जारी रखने की सिफारिश की जा सकती है।

-पीसीओएस के साथ गर्भावस्था के दौरान नियमित व्यायाम की आवश्यकता होती है। हल्का व्यायाम शरीर के इंसुलिन के उपयोग को बढ़ावा देगा, हार्मोनल संतुलन बनाएगा और वजन को नियंत्रण में रखने में मदद करेगा। वॉकिंग और माइल्ड स्ट्रेंथ ट्रेनिंग को महिलाओं के लिए सबसे अच्छा व्यायाम माना गया है, जो उन्हें आशावादी बनाए रखता है। पीसीओएस के साथ गर्भवती होने पर आहार का भी महत्व है। प्रोटीन और फाइबर का अधिक सेवन गर्भावस्था के दौरान इंसुलिन के स्तर को बनाए रखने में मदद कर सकता है।

– पीसीओएस के साथ ज्यादातर गर्भवती महिलाओं में सिजेरियन सेक्शन डिलीवरी की जाती है। वजह, जब पीसीओएस होता है तो जटिलताओं का खतरा बहुत अधिक होता है, और सी-सेक्शन में प्रसव के दौरान चीजों के गलत होने की संभावना कम हो जाती है।

-पीसीओएस के साथ गर्भवती होना असंभव नहीं है, लेकिन गर्भ धारण करना बहुत मुश्किल है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पीसीओएस वाली महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन होता है जो सामान्य ओव्यूलेशन और पीरियड्स को डिस्टर्ब कर सकता है। अंडे की गुणवत्ता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

पीसीओएस और गर्भावस्था

-पीसीओएस स्थिति के साथ भी कई महिलाएं गर्भवती हो सकती हैं और बगैर चिकित्सकीय सहायता के पूरा समय निकालती है लेकिन जिन्हें चिकित्सा सहायता की आवश्यकता होती है, उन्हें प्रसूति और प्रजनन संबंधी एंडोक्राइनोलॉजिस्ट गर्भधारण करने और टेंशन फ्री प्रसव के लिए मार्गदर्शन कर सकते हैं। पीसीओएस (PCOS) के साथ भी बड़ी संख्या में महिलाएं गर्भवती होती हैं और उपचार कराने पर स्वस्थ संतान की प्राप्ति भी होती है।

पीसीओएस के साथ गर्भवती होने की संभावना:

– इन्दिरा आई वी एफ  बेगुसराय  की आई वी एफ स्पेशलिस्ट डॉ.  मिनी कुमारी का कहना है  पीसीओएस के साथ महिलाओं को अक्सर नि:संतानता (Infertility) के मुद्दों का सामना करना पड़ता है, और मेडिकल हस्तक्षेप के बिना गर्भवती होना मुश्किल हो सकता है। प्रसव उम्र की महिलाओं में 8 – 10 फीसदी को पीसीओएस प्रभावित करता है और यह नि:संतानता होने के कारणों में एक बड़ा कारण है। इसके कारण  ओव्यूलेशन नहीं होता है।

पीसीओएस होने के संभावित कारण (PCOS Causes)

-पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम का कोई सटीक कारण अभी तक नहीं पाया गया है लेकिन इंसुलिन प्रतिरोध और हार्मोन असंतुलन को आनुवंशिकी माना गया है।  अगर किसी परिवार के सदस्य उसकी मां, बहन या चाची को पीसीओएस है, तो एक महिला में उसका जोखिम लगभग 50 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।

पीसीओएस का पता चलने वाली लगभग 80 प्रतिशत महिलाओं में इंसुलिन प्रतिरोध मौजूद होता है। यह स्थिति अंडाशय को टेस्टोस्टेरोन की अधिकता पैदा करने के लिए उत्तेजित कर सकता है, जिससे फॉलिकल का सामान्य विकास बाधित होता है। इससे अक्सर ओव्यूलेशन में अनियमितता होती है।

बदलती जीवनशैली, अधिक वजन होना, इंसुलिन प्रतिरोध, हार्मोन के असंतुलन जैसे कि टेस्टोस्टेरोन का बढ़ा हुआ स्तर, ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन का उच्च स्तर (एलएच) अधिक स्तर भी पीसीओएस का कारण बन सकता है।

पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम के लक्षण (PCOS symptoms)

इन्दिरा आई वी एफ नाशिक की आई वी एफ स्पेशलिस्ट डॉ. प्रियंका कासरीवाल  का कहना है  पीसीओएस के लक्षणों की शुरूआत धीरे-धीरे होती है और अक्सर किसी का ध्यान नहीं जाता है। हालांकि लक्षण किशोरावस्था से ही शुरू हो सकते हैं, लेकिन  महिला के अच्छी मात्रा में वजन हासिल करने के बाद नजर आने लगते हैं।

मासिक धर्म (Menstrual periods) संबंधी समस्याएं जैसे कि पीरियड्स का समय से पहले होना या न होना, पीरियड्स के दौरान भारी, अनियमित ब्लीडिंग (irregular periods), स्कैल्प से बालों का गिरना, जबकि शरीर के बाकी हिस्सों पर बाल आ जाते हैं जैसे चेहरा। इसके अलावा बार-बार गर्भपात होना, डिप्रेशन, इंसुलिन रेजिस्टेंस और प्रतिरोधी स्लीप एप्निया पीसीओएस के कुछ चेतावनी संकेत हैं।

कुछ अन्य लक्षणों में त्वचा के धब्बे, मूड स्विंग्स और गर्भवती होने में कठिनाई होती है। अक्सर, इन्हें अनदेखा किया जाता है या अन्य कारणों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है और परिणामस्वरूप पीसीओएस निदान में देरी होती है। इन लक्षणों के अलावा, पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं को मधुमेह, उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल जैसी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

पीसीओएस का निदान कैसे किया जाता है?

-चूंकि प्रभावित प्रत्येक महिला में पीसीओएस के सभी लक्षण नजर नहीं आते हैं।

सबसे पहले, डॉक्टर महिला की मेडिकल हिस्ट्री की समीक्षा कर वजन, बीएमआई, मासिक धर्म, आहार और व्यायाम आहार जैसी जानकारी पता करता है। विशेष रूप से हार्मोन की समस्याओं और मधुमेह के संबंध में पारिवारिक इतिहास की जानकारी ली जाएगी।

इसके बाद ब्रेस्ट, थायरॉइड ग्रंथि, त्वचा और पेट का फिजिकल एग्जामिनेशन किया जाता है।  इसके बाद अल्ट्रासाउंड कर यह जाना जाता है कि अंडाशय में तो कोई असामान्यता नहीं है? यदि पीसीओएस के लक्षण जैसे सिस्ट और बढ़े हुए अंडाशय के लक्षण मौजूद हैं, तो वे परीक्षण के दौरान दिखाई देंगे।

डॉक्टर टेस्टोस्टेरोन, प्रोलैक्टिन, ट्राइग्लिसराइड्स, कोलेस्ट्रॉल, थायरॉयड उत्तेजक हार्मोन (टीएसएच) और इंसुलिन के स्तर की जांच के लिए रक्त परीक्षण भी करा सकते हैं। लिपिड स्तर जांच, फास्टिंग ग्लूकोज टेस्ट और थायरॉयड फंक्शन टेस्ट भी हो सकते हैं।

इस स्थिति का स्पष्ट निदान तब मिलता है जब रोगी में निम्न मापदण्ड मिलते हैं मसलन मासिक धर्म की गड़बड़ी होना है। ब्लड में पुरुष हार्मोन के उच्च स्तर की उपस्थिति जिससे मुंहासे या शरीर या चेहरे पर अतिरिक्त बाल आने लगते हैं। दोनों अंडाशय के आकार में वृद्धि होने लगती है या एक अंडाशय पर 12 या इससे अधिक रोम की उपस्थिति दिखती है।

पॉलीसिस्टिक रोग के लिए उपचार (PCOS treatment)

-पीसीओएस का कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसे वजन घटाने, स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और दवा के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है।

वजन घटना -अधिक वजन वाली महिलाओं को डॉक्टर वजन कम करने की सलाह देता है। न्यूनतम पांच प्रतिशत वजन कम करने से भी मासिक धर्म चक्र के सामान्य होने और इस तरह से ओव्यूलेशन हो सकता है।

व्यायाम और संतुलित आहार

-कम वसा वाले डेयरी उत्पाद, साबुत अनाज सब्जियां और फल एक संतुलित आहार का निर्माण करते हैं। संतुलित आहार  के साथ व्यायाम रोग को कम करने में मदद करेगा।

धूम्रपान छोड़ें – धूम्रपान करने वाली महिलाओं में एंड्रोजेन या पुरुष सेक्स हार्मोन अधिक मात्रा में मौजूद होते हैं। ये हार्मोन पीसीओएस के लिए जिम्मेदार हैं। धूम्रपान छोड़ने से पीसीओएस के उपचार में मदद मिल सकती है|

दवा

-पीसीओएस के लक्षणों के उपचार के लिए अक्सर दवा निर्धारित की जाती है। नियमित पीरियड सुनिश्चित करने के लिए गर्भनिरोधक गोलियां लेनी पड़ सकती हैं। शरीर पर अत्यधिक बाल आने या बालों के झड़ने को दवाओं के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है।

लेप्रोस्कोपी (Laparascopy)

-पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में लेप्रोस्कोपी भी एक विकल्प है।  गर्भधारण करने की कोशिश करने वालों में लेप्रोस्कोपिक ओवेरियन ड्रिलिंग (एलओडी) की जाती है। यह एण्ड्रोजन (पुरुष हार्मोन) पैदा करने वाले ऊतक को खत्म करने के लिए किया जाता है। यह हार्मोन के स्तर को संतुलित करने में मदद कर सकता है जिससे अंडाशय सामान्य रूप से गर्भावस्था की ओर अग्रसर हो सके। लेकिन कुछ उदाहरणों में, यह एक अल्पकालिक समाधान ही है।

आईवीएफ बेस्ट विकल्प

इन्दिरा आई वी एफ  देहरादून की आई वी एफ स्पेशलिस्ट (IVF specialist) डॉ. ऋतू पुन्हानी का बताती है पीसीओएस से पीड़ित अधिकांश महिलाएं सही उपचार से गर्भवती हो सकती हैं। इसमें लक्षणों और स्थिति के आधार पर क्लोमीफीन या मेटफॉर्मिन का एक कोर्स शामिल हो सकता है। इसके बाद भी पीसीओएस के साथ गर्भवती नहीं होने वाली महिलाओं के लिए आईवीएफ (In Vitro Fertilization) भी एक बेस्ट विकल्प है।

-जब दवाइयां परिणाम उत्पन्न करने में विफल होती हैं या किसी केस के लिए उपयुक्त नहीं होती हैं, तो डॉक्टर आईवीएफ या इन-विट्रो निषेचन के लिए चयन करने की सिफारिश कर सकते हैं। कुछ मामलों में, पीसीओएस का अंडों पर प्रभाव पड़ सकता है, और फिर दाता अंडे की आवश्यकता हो सकती है।

पीसीओएस के साथ स्वास्थ्य जोखिम भी

-पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में बांझपन, मधुमेह, एंडोमेट्रियल कैंसर, दिल का दौरा, उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर, स्लीप एपनिया, स्तन कैंसर, चिंता और अवसाद जैसी स्थितियों का खतरा अधिक होता है। एक और स्थिति है जो पीसीओएस के परिणामस्वरूप मेटाबोलिक सिंड्रोम हो सकती है जबकि पीसीओएस के साथ महिलाओं में हृदय संबंधी जोखिम दोगुना है।

जो महिलाये पीसीओएस से प्रभावित होती हैं उनमे आई वी एफ तकनीक कारगर साबित हो रही है |

 

Articles

2022

Infertility Tips PCOS

IVF Pregnancy with PCOS and Endometriosis

IVF Specialist

Introduction – PCOS and Endometriosis There are numerous reasons and part...

2022

Infertility Tips PCOS

Types of PCOS – What are PCOS Symptoms and Treatment

IVF Specialist

THERE ARE 4 TYPES OF PCOS In this section, we will cover different types of...

2022

Infertility Tips PCOS

PCOD Diet Chart and Exercise for Weight Loss

IVF Specialist

PCOD Diet – Introduction PCOS or Polycystic Ovary Syndrome is a very comm...

2022

Infertility Tips PCOS

PCOS/PCOD Do’s and Don’ts

IVF Specialist

PCOS DO’s AND DON’Ts PCOD is a complicated problem faced by women these...

2022

Infertility Tips PCOS

How to Treat PCOS Naturally

IVF Specialist

How to Treat PCOS Naturally? Proper diagnosis Dr. Shruti Banka, Chief IV...

2022

Infertility Tips PCOS

5 Easy-to-follow Tips for Losing Weight with PCOS Condition

IVF Specialist

Weight loss in PCOS? Well, losing weight any day is a tough task and it get...

2022

Infertility Tips PCOS

Polycystic Ovary Syndrome (Pcos): What Is Pcos?

IVF Specialist

Experts at Indira IVF know that 30-40% of women who come to us are diagnosed w...

2022

Infertility Tips PCOS

PCOS Diet Plan

IVF Specialist

Most women who have PCOS are found to be insulin resistant. This means your bo...

2022

Infertility Tips PCOS

Polycystic Ovary Syndrome (PCOS): Causes, Symptoms and Treatment

IVF Specialist

It is very important to monitor the women having PCOS since females with these...

2022

Infertility Tips PCOS

Yes PCOS can affect a Woman’s Fertility- Dr. Rinoy Sreedharan

IVF Specialist

Polycystic Ovarian Syndrome (PCOS) is the most common hormonal endocrine disor...

Pregnancy Calculator Tools for Confident and Stress-Free Pregnancy Planning

Get quick understanding of your fertility cycle and accordingly make a schedule to track it

© 2024 Indira IVF Hospital Private Limited. All Rights Reserved. T&C Apply | Privacy Policy