‘अनएक्सप्लेनेड इनफर्टिलिटी ‘ यह शब्द सुनते ही कोई भी निसंतान दंपत्ति गबरा जाता है और उनके मन में कई तरह के संदेह होते है कि ” क्या उनके सुने आंगन में किलकारियां कभी नहीं गूंजेगी “. “अनएक्सप्लेनेड इनफर्टिलिटी ” का मतलब है कि अगर किसी निसंतान जोड़े ने अपनी बेसिक जाँच कराई और पाया की महिला के अण्डे और गर्भाशय आदि ठीक है उसकी दोनों फैलोपियन ट्यूब भी खुली हुई है और पुरुष के शुक्राणु भी नार्मल है फिर भी उनको संतान प्राप्ति का सुख नहीं मिला।
लगभग 80% दम्पत्तियों में निसंतानता का कारण पता लग जाता है, पर 10 – 20 % दम्पत्तियों में यह सब जाँचे एकदम नार्मल होती है । अनएक्सप्लेनेड इनफर्टिलिटी का यह मतलब नहीं की दंपत्ति में कोई कारण ही नहीं, बलकि अभी विज्ञान में कोई जरिया नहीं की हम उन कारणों का पता लगा सके।
“अनएक्सप्लेनेड निसंतानता ” के मुख्य 3 – 4 कारण हो सकते है। सबसे पहले तो हमें यह जान लेना चाहिए की किसी भी महिला में उसकी दोनों फैलोपियन ट्यूब खुली होने के बावजूद शायद काम नहीं कर पा रही हो। ऐसा अनेको परिस्थितियों में जैसे जेनाइटल टीबी, एंडोमेट्रियोसिस, पेलिवक इफलेमेटरी डिजीज (PID) यानि ट्यूब का लम्बे समय से संक्रमण, इन सब में अगर ट्यूब के अंदर के रेशे जिसे हम सिलिया कहते है वो प्रभावित हो जाती है जिससे ट्यूब, अंडे और शुक्राणु को मिलाने का काम नहीं कर पाता और निसंतानता का कारण हो सकती है।
फैलोपियन ट्यूब के डिफलेक्ट को हम पता नहीं लगा सकते परन्तु लेप्रोस्कोपी यानि दूरबीन विधि से इन बीमारियों का पता लगाया जा सकता है और इसका ईलाज भी किया जा सकता है। इसके बाद महिला को प्राकृतिक गर्भाधारण या आईयुआई (IUI) या फिर आईवीएफ / टेस्टट्यूब बेबी (IVF) कि सहायता दी जाती है।
कई बार महिला के शरीर में शुक्राणु पहुंचते ही खत्म हो जाते है ऐसी परिस्थितियों में आईयूआई या आईवीएफ से सफलता मिल सकती है।
लेकिन अगर किसी महिला की गुणवत्ता ख़राब हो, तो इसका भी रूटीन जाँचों से पता लगाना मुश्किल है और इसका पता IVF के दौरान, हम इन अंडो को महिला के शरीर से बहार निकाल कर माइक्रोस्कोप के निचे देखकर पता करते है। ऐसी स्थिति में भी महिला को प्राकृतिक रूप से गर्भाधारण नहीं हो पाता और टेस्ट ट्यूब बेबी / IVF से सफलता मिल सकती है।
इसके अलावा अगर किसी महिला के अंडे का खोल सख्त है तो भी शुक्राणु ऐसे अंडो को भेद नहीं पाते और फर्टिलाइज नहीं होता , तो ऐसे महिलाओं में भी आईवीएफ (IVF) या ईक्सी (ICSI) की प्रकिया एक वरदान की तरह है जिससे कई निसंतान जोड़ो के जीवन में खुशिया आई है। आईवीएफ या टेस्टट्यूब बेबी में हम महिला के शरीर से अंडो को निकाल कर, बहार लेब में पुरुष के शुक्राणु से मिलाते है और भ्रूण बनाते है जिसे 5-6 दिन के बाद वापस महिला के गर्भाशय में डाल देते है।
अनएक्सप्लेनेड इनफर्टिलिटी के केस में टेस्ट ट्यूब बी प्रकिया की सफलता दर ही बहुत अच्छा है और अब यह आम आदमी के खर्चे में है। निसंतान जोड़ो को संतान सुख की प्राप्ति हुई है।
कोई भी निसंतान जोडा एक जैसा नहीं होता, इसलिए क्योकि कम उम्र में इसके इलाज की सफलता ज्यादा है और जैसे जैसे उम्र बढती है अनएक्सप्लेनेड इनफर्टिलिटी का इलाज कठिन हो जाता है और सफलता की दर भी कम होती जाती है।
कोई भी निसंतान जोड़ो की साडी जाँच यानि अंडे, शुक्राणु, और ट्यूब सही है तो आप गबराये नहीं, बलकि समय रहते एक अच्छे फर्टिलिटी सेंटर पर जा कर ऐक्सपर्ट डॉक्टर से सलाह ले और ईलाज कराए जिससे आपके आंगन में भी किलकारि गूंजेगी।
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