आई.यू.आई किसे कहते हैं ?
IUI मतलब इंट्रा यूटेराईन इन्सेमिनेशन। ये एक ऐसी टेक्नीक है जिससे निहसंतन दंपति को संतान प्राप्ति कराई जा सकती है । इसमें एक पतली नली के सहायता से धुले हुए शुक्राणुओं को बच्चेदनी के मुँह द्वारा बच्चेदनी में डाले जाते हैं ।
IUI करने के पहले क्या क्या जाँचे करानी होती हैं ?
पहला, TVS ( ट्रांस वजाईनल सोनोग्राफ़ी )- इसमें अण्डेदानी के अंदर अंडो की संख्या, क्वालिटी और ग्रोथ देखते हैं। इसमें एंडोमेट्रीयम मतलब बच्चेदनी की परत को देखते हैं की उसमें ग्रोथ पैटर्न या रक्त का बहाव कैसा है । बच्चेदनी की नली, जिसको फ़लोपीयन ट्यूब बोलते हैं उसको देखा जाता है । हर महिला में दो ट्यूबें होती हैं, लेकिन IUI करने के लिए कम से क़म एक ट्यूब का खुला होना ज़रूरी होता है । दूसरा, HSG ( ह्यस्टेरो सालपिंगोग्राम )- इसमें बच्चेदानी में डाई डाल कर x- ray किया जाता है और ट्यूबें खुली हैं या नहीं ये पता किया जाता है । इसको सामान्यतः महावारी के ८-१० दिन के बीच किया जाता है । तीसरा, शुक्राणु की जाँच – इसमें शुक्राणु की संख्या और गतिशीलता देखी जाती है । ५-१०मिल्यन पर ml संक्या क़म से क़म होनी चाहिए।
IUI की प्रक्रिया कैसे की जाती है ?
शुक्राणु कैसे लिया जाता है – पुरुषों में ३-७ दिन का परहेज़ होना चाहिए । क्लिनिक में आकर एक स्टेरायल बोत्तल में सैम्पल देना होता है । सैम्पल को क़रीब १.३० घंटे लगते हैं तैयार करने में । वाश किए हुए शुक्राणु २४-८२ घंटे तक जीवित रहते हैं, लेकिन उनकी क्षमता १२-२४ घंटे बाद ख़त्म हो जाती है । तैयार सैम्पल में क़म से क़म १ मिल्यन पर ml शुक्राणु होने चाहिए रिज़ल्ट आने के लिए जबकि ५-१०मिल्यन के ऊपर होने पर रिज़ल्ट दर बढ़ता जाता है और २०-३० मिल्यन पर ml पर सबसे अच्छा रिज़ल्ट मिलता है । ॰ सबसे सही टाईम क्या है IUI करने का – सामान्यतः IUI ऑव्युलेशन के ६ घंटे पहले या बाद में किया जाता है । HCG इंजेक्शन ( अंडे फोड़ने का इंजेक्शन ) के २४-३६ घंटे के बाद IUI किया जाता है । अगर एक बार IUI करना है तो इंजेक्शन के ३६ घंटे पर किया जाता है और अगर दो बार IUI करना होता है तो इंजेक्शन के २४-४८ घंटे के बीच में १२ घंटे के अंतरकाल पर दो बार किया जाता है । अंडा ऑव्युलेशन के बाद क़रीब २४ घंटे तक जीवित रहता है ।
क्या IUI के बाद रक्त जाता है , दर्द होता है या हम काम पर जा सकते हैं ?
IUI के कारण सामान्यतः ब्लीडिंग नहीं होती है लेकिन ऑव्युलेशन की वजह से थोडी ब्लीडिंग हो सकती है । IUI एक दर्द रहित प्रक्रिया है लेकिन ऑव्युलेशन के कारण थोड़ा पेट में मरोड़ हो सकता है जिसके लिए हो सकता है आपको १-२ दिन की छुट्टी लेनी पड़े ।
IUI के कितने टाईम बाद गर्भधारण होता है?
ऑव्युलेशन के ६-१२ दिन बाद , मतलब की IUI के ६-१२ दिन के बाद भ्रूण आकर बच्चेदनी में चिपकता है ।
कितनी बार IUI करा सकते हैं : अगर दवाई खा कर IUI करा रहे हैं तो १-२ बार, उसके बाद ३-४ बार इंजेक्शन ले कर IUI करा सकते हैं ।
IUI का सफलता दर क्या है: अच्छे से किए हुए IUI का सफलता दर १५-२०% पर साईकल है जबकि मल्टिपल गर्भ का दर २३-३०% तक है ।
किन लोगों में IUI की प्रक्रिया नहीं की जा सकती है: जिनमे शुक्राणु की संख्या बिलकुल नहीं है ( उनमे डोनर शुक्राणु की सहायता से बच्चा कराया जा सकता है )।॰ जिनकी बच्चेदनी की दोनो नलियाँ बंद है , बंधी है या किसी कारण वश निकाल दी गयी है । ॰ जिनमे अंडे बिलकुल नहीं बन रहे हैं ।
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