इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) एक सहायक प्रजनन तकनीक है जिसकी सहायता से अब तक विश्व भर में 8 मिलियन से अधिक शिशु जन्म ले चुके हैं। मौजूदा प्रजनन उपचारों में, IVF सबसे सफल और आधुनिक तकनीक है जिसने न जाने कितने ही जोड़ों को संतान प्राप्ति में सहायता की है।
IVF उपचार की प्रक्रिया में कई चरण होते हैं और उनमें सबसे महत्वपूर्ण व आखिरी चरण होता है भ्रूण प्रत्यारोपण जिसे भ्रूण स्थानांतरण भी कहा जाता है। इस चरण के लगभग दो हफ्ते के बाद, प्रजनन विशेषज्ञ गर्भावस्था की पुष्टि करने के लिए रक्त परिक्षण करता है।
पूरी IVF की प्रक्रिया के दौरान, डॉक्टर द्वारा सुझाई गई सभी बातों का पालन करना जैसे की भ्रूण स्थानांतरण के लिए आहार, तनाव न लेना, अच्छे से सोना, दवाओं का नियमित सेवन, आदि अत्यंत महत्वपूर्ण है ताकि प्रक्रिया के सफल होने की संभावनाओं को बढ़ाया जा सके।
अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए डॉक्टर खान पान में विशेष सावधानी बरतने की सलाह देते हैं जिसके अंतर्गत भ्रूण प्रत्यारोपण के बाद के आहार पे भी उतना ही ध्यान देने की आवश्यकता है जितना प्रक्रिया के दौरान और पहले होती है।
यह लेख भ्रूण स्थानांतरण के बाद आहार के महत्व को उजागर करता है।
भ्रूण स्थानांतरण के बाद आहार पूरी तरह से महिला पर निर्भर करता है। यह नहीं कहा जा सकता की एक महिला के लिए सुझाया गया आहार सभी महिलाओं के लिए उपयुक्त है। अपनी शारीरिक स्थिति तथा आवशयकता के अनुसार यह जरुरी है की महिला अपने डॉक्टर से आहार योजना के लिए अनुरोध करे।
कुछ सामान्य पोषक तत्त्व जो की आमतौर पर डॉक्टरों द्वारा निर्धारित की जाती है, इस प्रकार से है:
भ्रूण विकास के लिए फोलिक एसिड एक महत्वपूर्ण पोषक तत्त्व है जो की बच्चे में मस्तिष्क तथा रीढ़ की हड्डी के विकास के लिए अत्यंत आवशयक है। डॉक्टर द्वारा दिए गए सप्लीमेंट के अलावा हरी पत्तेदार सब्जियां, शतावरी, अंडे, बीन्स, चावल, फलियां, तथा खट्टे फल फोलिक एसिड के समृद्ध स्रोत हैं।
आयरन एक महत्वपूर्ण पोषक तत्त्व है जिसका प्रमुख कार्य हीमोग्लोबिन का संश्लेषण है। हीमोग्लोबिन प्रजनन प्रणाली सहित शरीर के प्रत्येक ऊतक के पर्याप्त ऑक्सीजन और उचित कार्य के लिए आवश्यक है। शरीर में आयरन की कमी के कारण एनीमिया होता है। डॉक्टर द्वारा दिए गए सप्लीमेंट के अलावा आयरन के प्रमुख स्रोत गाजर, गुड़, कद्दू के बीज, पालक, चुकंदर की जड़, आदि हैं।
ज़िंक शरीर में विभिन्न हार्मोनो के स्टार को संतुलित करता है को की प्रजनन प्रक्रिया के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। डॉक्टरी सप्लीमेंट के अलावा, ज़िंक प्रचुर मात्रा में अनाज, नट्स, डेयरी उत्पाद, मांस, तथा आलू में पाया जाता है।
कई अध्ययनों से पता चलता है की पॉली अनसैचुरेटेड फैटी एसिड प्रजनन क्षमता, डिम्बाणुजनकोशिका, तथा भ्रूण की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं। अगर स्वस्थ वसा के स्रोतों की बात करें तो इनमें मछली, अखरोट, जैतून का तेल, चिया बीज, तथा अलसी का तेल सम्मिलित है।
विकास और प्रजनन कार्य के लिए आवश्यक, प्रोटीन शरीर के निर्माण खंड हैं। भ्रूण प्रत्यारोपण के बाद के लिए खाना में प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा गर्भावस्था के लिए आवशयक है। अगर प्रोटीन के अच्छे स्रोतों की बात करें तो इनमें मछली, बीन्स, टोफू, पनीर, दूध, नट्स, फलियां, तथा स्प्राउट्स शामिल हैं।
ये एंटीऑक्सिडेंट के प्रमुख स्रोत होते हैं तथा हमारे शरीर को detoxify करने में मदद करते हैं। एंटीऑक्सीडेंट के अलावा ये आयरन, जिंक, मैग्नीशियम, पोटेशियम के रूप में कई सूक्ष्म पोषक तत्वों का भी प्रमुख स्रोत हैं जो की भ्रूण स्थानांतरण के बाद आहार में अवश्य सम्मिलित होना चाहिए।
इन पोषक तत्वों के अलावा, शरीर के जलयोजन को बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए मौखिक तरल पदार्थों की सहायता से खुद को हाइड्रेट रखें। और अधिक जानकारी के लिए आज ही संपर्क करें।
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