Skip to main content

Synopsis

40 वर्ष से कम उम्र की 1% से अधिक महिलाये प्रीमैच्योर ओवेरियन फैल्योर का सामना करती है, जो उनके गर्भधारण को रोकती है। जाने डोनर एग प्रक्रिया से कैसे बने माँ |

 
बांझपन किसी भी रिश्ते में दूरियां पैदा कर देता है। शारीरिक रूप से स्वस्थ दिखाने वाली कई महिलाएं अण्डे खराब होने के कारण संतान सुख से वंचित रह जाती है, काफी प्रयासों के बाद भी जब गर्भधारण नहीं होता है तो महिला बिना कारण जाने खुद को कोसने लगती है। महिलाओं के गर्भधारण नहीं कर पाने या गर्भधारण के बाद उसे जन्म तक नहीं ले जा पाने के प्रमुख कारणों में से है अण्डों की संख्या व गुणवत्ता में कमी।

गर्भधारण में अण्डों का महत्व – इन्दिरा आई वी एफ की आई वी एफ स्पेशलिस्ट डॉ. ज्योति पांडे बताती हैं कि सामान्य गर्भधारण की बात की जाए तो महिला के मासिक धर्म से उसके अंडाशय में अण्डों को निर्माण आरम्भ होता है, इनमें से एक अंडा परिपक्व होकर फैलोपियन ट्यूब में आता है इस दौरान संबंध बनाने से शुक्राणु अंडे को निषेचित करता है और भ्रूण बन जाता है चार- पांच दिन यहीं विकसित होने के बाद भ्रूण गर्भाशय की लाईनिंग में जाकर चिपक जाता है और लगभग नौ माह तक विकसित होकर जन्म लेता है। अगर महिला के शरीर में बनने वाले अंडे में किसी तरह का विकार है तो गर्भधारण नहीं हो पाएगा अगर हो भी गया तो कुछ समय में गर्भपात का डर रहता है।

अंडों की संख्या – इन्दिरा आई वी एफ पटेल नगर दिल्ली की आई वी एफ स्पेशलिस्ट डॉ मांडवी राय का कहना है कि महिला के अण्डाशय में जन्म से ही अण्डों की संख्या निर्धारित होती है, माहवारी शुरू होने के साथ ही हर माह अण्डे खर्च होते रहते है, एक उम्र के बाद अण्डे समाप्त हो जाते हैं और महिला की माहवारी बंद हो जाती है। सामान्यतया 30 वर्ष तक की आयु में अण्डों की संख्या और गुणवत्ता उत्तम होती है, कई शोध और अध्ययन में सामने आया है कि 35 वर्ष की उम्र के पश्चात् महिला के अण्डो की संख्या और उसकी गुणवत्ता में तेजी से गिरावट आती है इस कारण प्रजनन क्षमता में भी कमी या गिरावट आती है।

डोनर एग की जरूरत किन महिलाओं को – ऐसी महिलाएं जिनकी उम्र ज्यादा होने के कारण अण्डों की संख्या कम हो चुकी है या ऐसी महिलाओं जिनकी माहवारी बंद हो चुकी है यानि उनके अण्डे समाप्त हो चुके है ऐसी महिलाएं जिन्हें हॉर्मोन के इंजेक्शन के द्वारा भी अण्डा नहीं बनाया जा सकता है, वे महिलाएं जिनकी उम्र कम है लेकिन उनके अण्डों समय से पहले समाप्त हो चुके है जिसे प्रीमेच्योर ऑवेरियन फेलियर कहते हैं या अण्डों की मात्रा तो सही है लेकिन उनकी गुणवत्ता खराब हो चुकी हो। जैसा कि पीसीओएस या एण्ड्रोमेसियोसिस की समस्या में होता है। वे महिलाएं जिन्हें गर्भधारण तो होता है लेकिन बाद में गर्भपात हो जाता है वे भी डोनर एग से संतान प्राप्ति कर सकती हैं।आंकडों पर नजर डालें तो – उम्र के साथ फर्टिलिटी के संबंध की बात करें तो 22 से 30 वर्ष की उम्र में प्रति माह गर्भधारण की संभावना करीब 22-25 प्रतिशत रहती है। वहीं 35 वर्ष बाद यह घटकर 15 प्रतिशत तक रह जाती है और 40 वर्ष की उम्र तक यह घटकर 10 प्रतिशत से भी कम हो जाती है 44 वर्ष की उम्र के बाद यह 5 प्रतिशत से भी कम रह जाता है।

डोनर एग अपनाने की प्रक्रिया– डोनर एग की प्रक्रिया सरकार के एआरटी बिल के अधीन आती है, यह एक कानूनी प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में अण्डा डोनर करने वाली और अण्डा लेने वाली दोनों महिलाओं की लिखित सहमति ली जाती है। साथ ही दोनों की पहचान आपस में गुप्त रखी जाती है।

प्रक्रिया- इन्दिरा आई वी एफ जयपुर की आई वी एफ स्पेशलिस्ट डॉ उर्मिला शर्मा बताती हैं कि डोनर एग प्रक्रिया के दौरान 21 से 33 वर्ष की महिला का चयन किया जाता है, जिसके स्वयं के बच्चे हो यानि प्रजनन क्षमता अच्छी हो, ऐसी महिला को हॉर्मोन के इंजेक्शन देकर अण्डे तैयार किए जाते है। इस दौरान कुछ टेस्ट के माध्यम से उसके अण्डों के निर्माण पर ध्यान रखा जाता है अण्डे बनने के बाद ओवम पिकअप की प्रक्रिया कर महिला के शरीर से अण्डे निकाल लिये जाते हैं और संतुलित वातावरण में लेब में सुरक्षित रखा जाता है फिर मरीज महिला के पति के वीर्य का सेम्पल लेकर उसके शुक्राणु भी लेबोरेट्री में लिए जाते है। लेब में डोनर एग के साथ शुक्राणु को निषेचित किया जाता है जिससे भ्रूण बन जाता है । 3 – 4 दिन तक लेब में विकसित होने के बाद भ्रूण को महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है। इसके बाद भ्रूण मरीज महिला के गर्भ में ही विकसित होकर जन्म लेता है।

आईवीएफ फेल के बाद डोनर अण्डा किस प्रकार लाभदायक – प्राकृतिक रूप से गर्भधारण नहीं होने पर आईवीएफ तकनीक लाभदायक साबित होती है लेकिन कई मामलों में महिला के अण्डों में खराबी के कारण आईवीएफ भी असफल हो जाता है। ऐसी स्थिति में जब महिला के अण्डों से आईवीएफ में सफलता नहीं मिली हो तो डोनर एग की मदद से गर्भधारण में सफलता दर अधिक रहती है।


Articles

2022

Guide to infertility treatments Egg Donor

5 Tips on how to choose an Egg Donor in IVF!

IVF Specialist

Choosing the Right Egg Donor for Donor Egg IVF process- Choosing the right ...

Egg Donor

डोनर भ्रूण के साथ आईवीएफ प्रक्रिया क्या है?

IVF Specialist

डोनर एम्ब्रियो के साथ आईवीएफ �...

Pregnancy Calculator Tools for Confident and Stress-Free Pregnancy Planning

Get quick understanding of your fertility cycle and accordingly make a schedule to track it

© 2024 Indira IVF Hospital Private Limited. All Rights Reserved.