मां बनना हर महिला की जिंदगी एक खूबसूरत सपना होता है। लेकिन कई बार कपल्स को लगता है कि सिर्फ असुरक्षित शारीरिक संबंध बनाना ही प्रेगनेंसी के लिए काफी होता है, जबकि सच्चाई यह है कि अगर फर्टाइल विंडो (Fertile Window) में ही संबंध बनाया जाए तभी महिला प्रेग्नेंट होती है।
अक्सर लोग रटा-रटाया जवाब देते हैं कि प्रेगनेंट होने के लिए पीरियड्स (Period) के 14वें दिन सेक्सुअल इंटरकोर्स (Sexual Intercourse) यानी रिश्ता बनाना चाहिए, लेकिन यह आधा सच है। हर महिला की साइकिल (Cycle) अलग होती है, इसीलिए हर महिला की फर्टाइल विंडो भी अलग होती है। आगे हम जानेंगे कि महिला period ke kitne din baad pregnant hoti hai इसके अलावा जानेंगे कि अगर सही समय पर कोशिश करने के बाद भी सफलता नहीं मिल रही, तो IUI और IVF कैसे मदद कर सकती हैं।
सबसे पहले यह समझना जरुरी है कि पीरियड साइकिल शुरू कब होती है। जिस दिन आपको ब्लीडिंग (Bleeding) शुरू होती है, उसे पहला दिन (Day 1) माना जाता है।
आसान भाषा में कहें तो, महिला के अंडाशय यानी ओवरी (Ovary) से हर महीने फर्टिलाइजेशन के लिए पूरी तरह तैयार एक परिपक्व अंडा मतलब मैच्योर एग (Mature Egg) बाहर निकलता है और फैलोपियन ट्यूब (Fallopian Tube) में आ जाता है। इसी समय अगर पुरुष का शुक्राणु यानी स्पर्म (Sperm) इस एग से मिल जाए, तो प्रेगनेंसी हो जाती है। लेकिन यह एग हमेशा के लिए वहां नहीं रहता, इसलिए समय बहुत महत्वपूर्ण है।
प्रेगनेंसी के लिए बेस्ट टाइम ओवुलेशन वाला दिन और उससे पहले के पाँच दिन होते हैं। इसे ही फर्टाइल विंडो (Fertile Window) यानी गर्भ ठहरने का सबसे अच्छा समय कहते हैं।
हर महिला की साइकिल 28 दिन की नहीं होती। किसी की जल्दी आती है, तो किसी की देर से... आप यहां अपनी साइकिल के हिसाब से सही दिन जान सकती हैं:
| पीरियड साइकिल की लंबाई (Cycle Length) | ओवुलेशन का संभावित दिन (अंडा निकलने का दिन) | संबंध बनाने का सबसे सही समय (Best Time for Sex) |
|---|---|---|
| 21 दिन (छोटी साइकिल) | 7वां दिन | पीरियड के 5वें दिन से 8वें दिन तक |
| 25 दिन | 11वां दिन | 9वें दिन से 12वें दिन तक |
| 28 दिन (सामान्य साइकिल) | 14वां दिन | 10वें दिन से 15वें दिन तक |
| 30 दिन | 16वां दिन | 13वें दिन से 17वें दिन तक |
| 35 दिन (लंबी साइकिल) | 21वां दिन | 18वें दिन से 22वें दिन तक |
याद रखें: ओवुलेशन हमेशा अगला पीरियड शुरू होने से 14 दिन पहले होता है। यह एक थंब रूल है।
कैलेंडर और ऐप कभी-कभी गलत हो सकते हैं, लेकिन आपका शरीर झूठ नहीं बोलता। इन लक्षणों पर ध्यान दें:
बहुत से कपल्स को लगता है कि दिन में कई बार या रोज रिश्ता बनाने से जल्दी प्रेग्नेंट होने का चांस बढ़ जाता है, लेकिन यह सही नहीं है।
अगर आपके पीरियड्स कभी 30 दिन में तो कभी 45 दिन में आते हैं, तो तारीख का अंदाजा लगाना मुश्किल होता है। ऐसे में क्या करें?
अगर आप सही समय पर संबंध बना रहे हैं, लेकिन 1 साल (या 35 की उम्र के बाद 6 महीने) तक भी प्रेगनेंसी नहीं हो रही है, तो डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। यहाँ IUI और IVF जैसी तकनीकें वरदान साबित हो सकती हैं:
यह एक आसान और कम खर्चीली प्रक्रिया है।
जब IUI या अन्य इलाज काम न करें, तो IVF सबसे कारगर उपाय है।
प्रेगनेंसी कुदरत और साइंस, दोनों का मिला-जुला रूप है। याद रखें, पीरियड के 10वें से 15वें दिन का समय सबसे खास होता है। अपने शरीर के इशारों को समझें... जैसे अगर डिस्चार्ज पानी जैसा साफ और चिपचिपा हो जाए, तो यह सही समय है। और हां, टेंशन बिल्कुल न लें। अगर सही कोशिश के बाद भी 'गुड न्यूज' नहीं मिल रही, तो हिम्मत न हारें। आज मेडिकल साइंस ने इतनी तरक्की कर ली है कि IUI और IVF जैसी तकनीकों से मां-बाप बनने का सपना अब अधूरा नहीं रहता। बस सही समय पर डॉक्टर से मिलें।
इसके चांस बहुत कम होते हैं, लेकिन ये नामुमकिन भी नहीं है। जिन महिलाओं की पीरियड साइकिल बहुत छोटी (जैसे 21 दिन) होती है, अगर वे पीरियड खत्म होने के आसपास भी रिश्ते बनाती हैं, तो स्पर्म अंदर जिंदा रह सकता है। और जैसे ही अंडा निकलता है, प्रेगनेंसी हो सकती है।
यह सिर्फ एक गलतफहमी है। साइंस साफ कहती है कि लड़का होगा या लड़की, इसका इस बात से कोई लेना-देना नहीं है कि आपने किस समय रिश्ता बनाया। यह पूरी तरह पिता के क्रोमोसोम (यानी X और Y) पर निर्भर करता है, और यह कुदरत के हाथ में है, इस पर हमारा कोई जोर नहीं चलता।
ओवुलेशन और फर्टिलाइजेशन के बाद, भ्रूण को गर्भाशय में चिपकने (Implantation) में 6 से 12 दिन लगते हैं। इसके बाद शरीर में HCG हार्मोन बनना शुरू होता है। यही वजह है कि जब आपके पीरियड मिस हो जाते हैं (तारीख निकल जाती है), तभी लक्षण साफ-साफ दिखाई देते हैं।
अगर आपका महीना (साइकिल) 30 दिन का है, तो अंडा आमतौर पर 16वें दिन निकलता है। इसलिए प्रेगनेंसी के लिए सबसे बढ़िया समय 12वें दिन से 17वें दिन तक का है। इन दिनों में पति-पत्नी का साथ रहना (रिश्ता बनाना) सबसे ज्यादा फायदेमंद है।