Skip to main content

Synopsis

पाईये सफल आईवीएफ के लिए टिप्स और कैसे आईवीएफ को और अधिक सफल बनाए इसकी जानकारी। जानिए IVF kitna success hota hai Indira IVF के साथ और आज ही अपॉइंटमेंट बुक करे |

 

सेंटर का चयन महत्वपूर्ण निर्णय, पॉजिटिव सोच भी जरूरी

मासूम के मुँह से मम्मी-पापा सुनना हर दम्पती की सबसे बड़ी ख्वाहिश होती है लेकिन ये नियामत सभी दम्पतियों को नहीं मिल पाती । ऐसे कपल्स के लिए आईवीएफ अंधेरी रात में रोशनी बनकर सामने आयी है। 1978 में ब्लाॅक ट्यूब वाली महिलाओं को संतान सुख देने के लिए इस तकनीक को ईज़ात किया गया, बाद में इसमें आयी नवीन तकनीकों से 80 लाख से ज्यादा परिवारों में खुशियाँ खिलखिला रही हैं। कुछ केसेज में सब ठीक होने के बाद भी आईवीएफ में सफलता नहीं मिल पाती, इस कारण दम्पती निराश हो जाते हैं, ऐसी स्थिति में सवाल यह उठता है कि आईवीएफ में सफलता कैसे पायी जाए ?

महिला और पुरूष में तुलना की जाए तो महिलाओं में उम्र के साथ गर्भधारण के चांसेज कम होते जाते हैं क्योंकि प्रेग्नेंसी के लिए अण्डों की क्वालिटी व संख्या मायने रखती है और उम्र बढ़ने के साथ इसमें कमी आने लगती है। आईवीएफ से अधिक उम्र में भी गर्भधारण किया जा सकता है लेकिन इसमें निःसंतानता की समस्या के अनुसार परिणाम भी अलग-अलग हो सकते हैं। आईवीएफ प्रक्रिया की सफलता बहुत सारी बातों पर निर्भर करती है।

यह बात सही है कि समय के साथ आईवीएफ की सफलता दर काफी बढ़ गयी है लेकिन आईवीएफ प्रक्रिया से संतान प्राप्ति की कोई गारंटी नहीं होती है। जो दम्पती आईवीएफ प्रक्रिया से उपचार करवाना चाहते हैं उनके लिए सर्वप्रथम सेंटर का चयन महत्वपूर्ण है। कम खर्च या घर के नजदीक होने की लालच में नहीं पड़कर अच्छी सफलता दर, अनुभवी चिकित्सक, नवीनतम आईवीएफ लैब वाले सेंटर सेंटर का चुनाव करें। अगर आप पहले आईवीएफ करवा चुके हैं तो असफल होने के कारण जानना तथा पहली बार आईवीएफ अपना रहे हैं तो निःसंतानता के कारण जानने के लिए पति-पत्नी दोनों की जांचे आवश्यक है।

आईवीएफ प्रक्रिया शुरू करवाते समय दम्पती के दिमाग में कई तरह की उलझने होती हैं लेकिन शारीरिक तथा मानसिक संकल्प के साथ उपचार शुरू करवाने से आपको आसानी रहेगी।

सक्सेज के लिए क्या करें –

वैसे आईवीएफ की एक साईकिल की सफलता दर लगभग 35 से 40 प्रतिशत तक रहती है लेकिन अच्छे सेंटर के चयन से यह 70 प्रतिशत तक भी हो सकती है। आईवीएफ की सफलता के लिए जितना कार्य डाॅक्टर का होता है उतना ही मरीज का भी होता है, पूरी प्रक्रिया के दौरान सकारात्मक होकर सहयोग करना चाहिए। डाॅक्टर और सेंटर से आप कितने संतुष्ट हैं ? आपको उपचार से संतुष्टि होगी तो आप परिणाम को लेकर तनाव नहीं लेंगे तथा अतिउत्साह भी नहीं रखेंगे । आईवीएफ प्रक्रिया के दौरान खाने-पीने में थोड़ा ध्यान रखने की जरूरत होती है, बाहर के खाने से दूरी रखें क्यांेकि इससे डायरिया, गला खराब और खांसी की परेशानी हो सकती है।
डायबिटिज और टीबी की जांच भी आवश्यक है ताकि उपचार प्रभावित नहीं हो।

आईवीएफ से पहले होम वर्क –

उपचार शुरू करवाने से पहले अपनी खानपान की आदतों में करीब 2 महीने पहले बदलाव करें, सामान्य रहें, अगर बाहर का जंकफुड, फास्टफुड खाने की शौकिन हैं तो इसे बंद करना अच्छा रहेगा, घर का बना पोष्टिक आहार लें ।
आहार में हरी सब्जियां अधिक खाएं, दुग्ध उत्पाद तथा फल जरूर लें।
वजन को संतुलित रखें, बढ़ने नहीं दें, यदि अधिक है तो कम करने के प्रयास करें, योग, एक्सरसाईज आदि कर सकती हैं।
शराब, सिगरेट या अन्य कोई नशा नहीं करें और न ही ये नशा करने वालों को साथ रखें।
अपने आसपास ऐसे लोगों को रखें जो आपको सकारात्मक ऊर्जा देते हों साथ ही मानसिक परेशानी तथा तनाव नहीं रखें ।
हाई हिल वाले सेण्डल या जूते नहीं पहनें।

अंडे निकाले जाने और भ्रूण प्रत्यारोपण के पहले –

आईवीएफ प्रक्रिया शुरू होने पर मरीज को करीब 12 से 15 दिन तक सामान्य से अधिक अण्डे विकसित करने के लिए इंजेक्शन लगाये जाते हैं साथ ही कुछ दवाईयां भी दी जाती हैं। इस दौरान डाॅक्टर द्वारा दी गयी सलाह का पालन करें ।
प्रक्रिया के दौरान तेज गंध वलो डिओडरेंट और परफ्यूम का इस्तेमाल नहीं करें खासतौर पर जिस दिन अंडे निकाले जाने हो । इससे एम्ब्रियो पर असर पड़ता है ।

एग रिट्रीवल के एक दिन पहले शाम को हल्का सुपाच्य आहार लें ताकि अगले दिन कब्ज की शिकायत ना हो ।
अण्डे निकाले जाने से पहले यानि रात के 12 बजे बाद पानी, चाय-दूध आदि कुछ भी नहीं लें, क्योंकि अण्डे निकालने के लिए हल्का एनेस्थिसिया दिया जाता है।

अण्डे निकाले जाने के बाद डर नहीं रखें और न ही जल्दी करें, कुछ घंटे आराम करें ताकि दर्द नहीं हो ।
भ्रूण प्रत्यारोपण (एम्ब्रियो ट्रांसफर) के दिन खाली पेट नहीं आएं, हल्का नाश्ता करें और बाद में एक- दो दिन आराम करें ।

आईवीएफ के बाद क्या करें –

आईवीएफ प्रक्रिया में अण्डे बनाने, निकालने और भ्रूण प्रत्यारोपण के बाद पूरी तरह बेड रेस्ट की जरूरत नहीं है । घर के छोटे-छोटे काम किये जा सकते हैं । दो सप्ताह बाद प्रेग्नेंसी टैस्ट किया जाता है आमतौर पर गर्भावस्था परीक्षण के लिए रक्त में मौजूद एक हार्मोन का स्तर देखा जाता है जो प्रेग्नेंसी को सुनिश्चित करता है।

बाद में रखें ध्यान

समय पर लें दवाईयां – आईवीएफ प्रोसेस में भ्रूण प्रत्यारोपण के बाद चिकित्सक द्वारा बतायी गयी दवाईयों को समय से लें। खान-पान में कुछ खास परहेज की आवश्यकता नहीं है लेकिन बाहर का खाना नहीं खाएं।

संभोग से बचें – सामान्यतया आईवीएफ प्रक्रिया के बाद दम्पती को शारीरिक संबंध नहीं बनाने की सलाह दी जाती है क्योंकि महिला में वैजाइनल इंफेक्शन का खतरा होता है जिससे यह प्रक्रिया असफल होने की आंशका रहती है।

भारी सामान नहीं उठाएं – चाहे सामान्य प्रेग्नेंसी हो या आईवीएफ प्रक्रिया भारी सामान नहीं उठाना चाहिए , पेट की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है जिससे आईवीएफ प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है । शरीर को ज्यादा थकाने वाले कार्य भी नहीं करें।

नहाने से नुकसान नहीं – आमतौर पर महिलाओं को लगता है आईवीएफ की प्रक्रिया के बाद 15 दिन तक मरीज को नहाना नहीं चाहिए जबकि ऐसा नहीं है आप नहा सकती हैं, शावर लें तो उठने-बैठने की समस्या नहीं होगी।

हैवी एक्सारसाईज न करें – प्रोसेस के बाद योग तथा हल्का व्यायाम किया जा सकता है लेकिन हैवी एक्सरसाईज नहीं करनी चाहिए क्योंकि इससे शरीर पर जोर पड़ सकता है। हल्का टहलना ही काफी होता है। अच्छी नींद लें।

इन्हें रखें भोजन से दूर
ऐसे खानपान से दूर रहें जिनके उत्पादन में कीटनाशकों का इस्तेमाल होता हो।
एसिडिटी करने वाले आहार नहीं लें – आईवीएफ प्रक्रिया के बाद केवल खिचड़ी या दलिया खाना आवश्यक नहीं है, सामान्य भोजन किया जा सकता है, ज्यादा तीखा व एसिडिटी करने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करें। ज्यादा से ज्यादा पेय पदार्थ लें ।
कृत्रिम स्वीटनर्स के बजाय चीनी का इस्तेमाल करें |
शराब व सीगरेट से दूरी बनाएं |

आहार में इन्हें शामिल करें
जैविक तरीके से तैयार मौसमी फल और सब्जियां अवश्य खाएं, इसमें उच्च स्तर के पोषक तत्व होते हैं, अगर यह नहीं हो पाए तो फल व सब्जियों को अच्छी तरह साफ करें और कुछ देर नमक के पानी में रखकर फिर इस्तेमाल करें ।
सफेद ब्रेड के बजाए ब्राउन ब्रेड को खाना आपके लिए अधिक फायदेमंद रहेग।
फली, बादाम और बीज को भोजन में शामिल करें ।
पानी ज्यादा पीएं ।

दूसरी बार आईवीएफ से पहले
जिन दम्पतियों को पहली बार असफलता मिली है उन्हें दूसरी बार कोशिश करने से पहले आईवीएफ फेल होने के कारणों को बारिकी से जानना चाहिए।
अगर महिला आईवीएफ के बाद इन छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखें तो आईवीएफ सफल होने की संभावनाएं अधिक रहती हैं।


Articles

2023

Ectopic Pregnancy Ectopic Pregnancy

Guide to infertility treatments IVF

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के लक्षण, कारण और इलाज

IVF Specialist

प्रेगनेंसी की खबर महिला को का�...

Pregnancy Calculator Tools for Confident and Stress-Free Pregnancy Planning

Get quick understanding of your fertility cycle and accordingly make a schedule to track it

IVF Centres in Popular Cities

IVF Cost in Popular Cities

IVF Doctors in Popular Cities

© 2025 Indira IVF Hospital Private Limited. All Rights Reserved. T&C Apply | Privacy Policy| *Disclaimer